भारतभूमि तेजस्वी ओजस्वी नारियों की कर्मभूमि,इसका हिस्सा होना गर्व का विषय-संवर्धिनी मातृ सम्मेलन में चंदा ताई ने कहा

रतलाम,07 अगस्त (इ खबरटुडे)। भारत भूमि तेजस्वी और ओजस्वी नारियों की कर्मभूमि रही है,जिन्होने अपनी साधना और संकल्प से इसे दिव्य बनाया है। हमारा सौभाग्य है कि हम मातृशक्ति के रुप में इस दिव्य भारतभूमि का हिस्सा है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है। यह बात रविवार को संपन्न हुए संवर्धिनी मातृशक्ति सम्मेलन को मुख्यअतिथी के रुप में सम्बोधित करते हुए सुश्री भाग्यश्री साठ्ये (चंदा ताई) ने कही। वे जिले भर से आई महिलाओं के सम्मेलन को सम्बोधित कर रही थी।

राष्ट्र सेविका समिति की महिला समन्वय की अखिल भारतीय संयोजिका सुश्री चंदा ताई ने भारतीय चिंतन में महिला विषय पर रुद्र पैलेस के सभागार में बडी संख्या में उपस्थित नारीशक्ति से आव्हान किया कि नारी शक्ति की जागरुकता के बिना देश की उन्नति संभव नहीं है। नारीशक्ति ही देश की नई पीढी का निर्माण करती है,इसलिए देश के निर्माण में मातृशक्ति की बडी भूमिका है।

संवर्धिनी मातृशक्ति समागम को सम्बोधित करे हुए पदम पुरस्कार विजेता डा. लीला जोशी ने कहा कि हर भारतीय महिला को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक और सचेतन रहना चाहिए,क्योकि अच्छा स्वास्थ्य ही हमें अच्छा कार्य करने की प्रेरणा और ऊर्जा देता है। शीतल तीर्थ की संचालिका सविता दीदी ने उपस्थित बहनोंको सम्बोधित करते हुए कहा कि मातृशक्ति के लिए आवश्यक है कि वे एक दूसरे का सहयोग करें और सहायता भी दें। मातृशक्ति में एक दूसरे के सहयोग की भावना उनकी उन्नति के द्वार भी खोलेगी और उन्हे नवसृजन के लिए भी प्रेरित करेगी।

प्रारंभ में राजश्री जोशी ने मातृशक्ति सम्मेलन की आवश्यकता उद्देश्य और क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला। सुश्री रोचन सोनटक्के ने सुमधुर गीत और नृत्य की प्रस्तुति दी। अतिथि परिचय अनुराधा तिवारी और सुनीता छाजेड ने दिया। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत सरोज परमार,सोनाली जैन ममता भण्डारी,सुनीता छाजेड,सुमित्रा अवतानी और वैदेही कोठारी ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन विनिता ओझा और रश्मि व्यास ने किया,जबकि आभार प्रदर्शन प्रतिमा सोनटक्के और ममता भण्डारी ने माना।

रुद्र पैलेस में आयोजित संवर्धिनी मातृशक्ति समागम में जिले भर से बडी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। सम्मेलन के दो सत्रों में जिलेभर से आई महिलाओं ने राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श किया।

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