साडी व्यवसायी को लगे एमडी नशे के शौक ने फैलाया रतलाम में नशे का कारोबार, दो आरोपी गिरफ्तार (देखिये वीडियो)

रतलाम,12 अगस्त (इ खबरटुडे)। किसी जमाने में साडी की दुकान चलाने वाले व्यवसाई को पहले वैश्यावृत्ति और बाद में लगे नशे के शौक के चलते रतलाम में नशे का कारोबार फैला है। साडी व्यवसायी ने खुद को लगे एमडी के शौक को पहले अपने दोस्तों को लगाया और धीरे धीरे शहर के कई संभ्रान्त लोग इसकी चपेट में आ गए। पुलिस ने नशे के कारोबार को फैलाने वाले दो मुख्य आरोपियों को धर दबोचा है।

पुलिस अधीक्षक राहूल कुमार लोढा ने पुलिस कंट्रोल रुम पर आयोजित प्रेस कान्फ्रेन्स में शहर में फैले एमडी नशे के कारोबार पर विस्तार से प्रकाश डाला। एसपी श्री लोढा के मुताबिक सैलाना के समीप एक युवक सचिन सोंलकी की नशे की अधिकता से मौत हो जाने के मामले के बाद पुलिस ने बडी बारीकी से नशे के कारोबार को खंगालना शुरु किया था और धीरे धीरे कडी से कडी जोडते हुए इस पूरे गोरखधन्धे की जानकारी पुलिस के हाथ आई।

श्री लोढा नेबताया कि कुछ दिनों पहले पुलिस ने हाथीखाना रोड निवासी सज्जू उर्फ साजिद पिता साबिर हुसैन 39 को ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया था। सज्जू से की गई पूछताछ में जफर पिता अजीज मेवाती 38 नि.न्यू काजीपुरा हसनपालिया का नाम सामनेआया था,जो कि हसनपालिया छोडकर जावरी की महावीर कालोनी में रहने लगा था। जफर मेवाती को भी कुछ दिनो पहले गिरफ्तार कर लिया गया था। जफर मेवाती ने पुलिस की पूछताछ के दौरान बताया कि उसे स्मैक उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति का नाम दीपक पिता चन्द्रप्रकाश नागौरी 39 नि. घांस बाजार रतलाम और मनोज पिता पारसमल जैन 52 नि. नौलाइपुरा काली हवेली के सामने बताया था। पुलिस उक्त दोनो आरोपियों की तलाश में जुटी थी। आरोपी मनोज जैन वैसे तो रतलाम का निवासी है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से मुंबई में रहने लगा था। इन दोनो आरोपियों को पुलिस ने आज (शनिवार) गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। उक्त दोनो आरोपियों ने बताया कि वे गुजरात के एक व्यक्ति से ब्राउन शुगर लेकर आए थे। इस मामले में दो आरोपी फिलहाल फरार है, जिनकी तलाश की जा रही है।

पुलिस अधीक्षक श्री लोढा के मुताबिक उक्त दोनो आरोपियों से की गई गहन पूछताछ के बाद रतलाम में फैले नशे के कारोबार की कई वास्तविकताएं सामने आई। श्री लोढा ने बताया कि रतलाम में साडी की दुकान चलाने वाले मनोज जैन की पत्नी का देहान्त वर्ष 2012 में हो गया था। पत्नी के देहान्त के बाद मनोज जैन मुंबई चला गया और वहां छोटे मोटे काम करने लगा। इसी दौरान वह एमसीएक्स के व्यवसाय से जुड गया और उसने इस व्यवसाय से मोटी कमाई की।

अच्छी कमाई होने के बाद मनोज जैन को वैश्यावृत्ति का चस्का लग गया और वह मुंबई के वैश्यालयों में जाने लगा। वैश्यालयों में जाने के दौरान ही उसे कोकीन के नशे की लत लग गई। उसने वर्ष 2013 में पहली बार कोकीन का नशा किया और धीरे धीरे वह कोकीन का आदी हो गया। मनोज जैन मुंबई में बीसी रोड दादर वेस्ट में श्रीधर पैलेस नामक बिल्डिंग में रहता था। एसपी श्री लोढा के मुताबिक मनोज जैन बीच बीच में रतलाम आता था और अपने साथ कोकीन लेकर आता था। वह अपनी अमीरी दिखाने के लिए अपने दोस्तों की पार्टियों में उन्हे कोकीन का नशा करवता था।

इसी तरह की एक पार्टी में उसकी मुलाकात जफर मेवाती से हुई। जफर मेवाती ही वह व्यक्ति था,जिसने मनोज जैन को एमडी के नशे से परिचित करवाया। जफर द्वारा एमडी का नशा उपलब्ध कराए जाने के बाद मनोज जैन कोकीन छोड कर एमडी का नशा करने लगा। एमडी एक सिन्थेटिक ड्रग है,जो कि कोकीन के मुकाबले न सिर्फ सस्ता है,बल्कि उसका नशा भी ज्यादा है। इतना ही नहीं एमडी का स्वाद भी कोकीन से अच्छा है। मनोज जैन को जब एमडी की लत लगी तो उसने अपने दोस्तों और परिचितों को भी एमडी का नशा करवाना शुरु किया। धीरे धीरे एमडी नशे को शौकीनों की संख्या बढती गई और आखिरकार एमडी के इन नशेडियों के लिए एमडी की नियमित सप्लाय करना जरुरी हो गया।

सपी श्री लोढा के मुताबिक जफर मेवाती ने एमडी की सप्लाय का काम शुरु कर दिया जिसमें उसे जबर्दस्त कमाई हो रही थी। देखते ही देखते शहर के कई संभ्रान्त लोग और युवक एमडी के नशे की गिरफ्त में आ गए। पुलिस जफर को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। मनोज जैन और दीपक नागौरी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। एसपी श्री लोढा के मुताबिक पुलिस का पूरा फोकस उस सप्लाय चैन को तोडने पर है,जिसके जरिये एमडी और अन्य ड्रग्स रतलाम में सप्लाय हो रहे है। पुलिस ड्रग्स सप्लायर्स को भी दबोचने की तैयारी कर रही है।

एसपी श्री लोढा के मुताबिक गुजरात के जिस व्यक्ति से ड्रग्स की सप्लाय लिए जाने की जानकारी मिली है,पुलिस उसे भी गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है। श्री लोढा ने बताया कि जल्दी ही ड्रग्स के कारोबार से जुडे बडे माफियाओं को भी तलाश कर गिरफ्त में लिया जाएगा। उन्होने कहा कि रतलाम में जिन लोगों को एमडी की लत लग चुकी है,उन्हे इस लत से मुक्त कराने के प्रयास किए जाएंगे,लेकिन यदि इनमें से कोई एमडी के साथ पकडा जाता है, तो उस पर कडी कार्यवाही की जाएगी। एसपी श्री लोढा ने पुलिस जल्दी ही एमडी और अन्य ड्रग्स के कारोबार में लिप्त अपराधियों को धर दबोचेगी।

अठारह सौ की एक पुडिया
एसपी श्री लोढा ने बताया कि एमडी एक प्रकार का सिन्थेटिक ड्रग है,जिसकी मात्र 6 ग्राम से अधिक मात्रा व्यावसायिक मात्रा मानी जाती है। उन्होने बताया कि 1 ग्राम एमडी की कुल 10 पुडियाएं बनाई जाती है,जो कि प्रति पुडिया अठारह सौ से दो हजार रु. के भाव से बेची जाती है। यह महंगा नशा है और आमतौर पर आर्थिक रुप से सक्षम लोग ही इसका उपयोग कर पाते है।

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